इस पुस्तक का विन्यास इस प्रकार किया गया है कि जिन विद्यार्थियों ने पहले कभी भूगोल का अध्ययन नहीं किया है, उन्हें भी इसे पढ़ने और समझने में किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े। वास्तव में, भूगोल हमारे चारों ओर व्याप्त पृथ्वी के विभिन्न प्राकृतिक हिस्सों का ही अध्ययन है। अतः यह हमें अपने भौतिक परिवेश को समझने में सक्षम बनाता है। वर्तमान में भौतिक पर्यावरण के विभिन्न अंगों के साथ मानव की अंतःक्रिया अधिक घनिष्ठ एवं गहन हो गयी है। अतः प्राकृतिक नियमों की अनदेखी और उल्लंघन भी देखने को मिलता है। पुस्तक में अनुप्रायोगिक अध्ययनों को विशेष महत्त्व प्रदान किया गया है। जलवायु विज्ञान के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण को भी विश्लेषित करने का प्रयास किया गया है।
पुस्तक के तीसरे खंड में मानव भूगोल के विभिन्न पक्षों का वर्णन है। मानव की उत्पत्ति एवं विकास, विभिन्न जनजातियां एवं सास्कृतिक विविधताओं के विश्व परिदृश्य को चित्रित करने का प्रयास किया गया है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में विकसित मानव की सांस्कृतिक विविधता का विशद् विवरण देखा जा सकता है। मानव के प्रकृति के साथ विविध सम्बंधों और फलस्वरूप उत्पन्न समस्याओं का अध्ययन भूगोल की मौलिक विषय वस्तु रही है। प्रस्तुत पुस्तक इस दृष्टि से अपवाद नहीं है।
मानव का सांस्कृतिक विकास काफी हद तक प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर निर्भर रहा है। अतः संसाधनों के प्रकार और उनके दोहन की विधियों पर व्यापक चर्चा की गई है। साथ ही संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के दुष्परिणामों के प्रति भी आगाह करने का प्रयास किया गया है।
पुस्तक सिर्फ भूगोल के सैद्धांतिक पक्ष से ही सरोकार नहीं रखती, बल्कि उसके मानवीय पहलुओं को भी बारीकी से विश्लेषित करती हैं यह निश्चित रूप से भूगोल के आधारभूत सिद्धांतों को समझने का प्रयास कर रहे अभ्यर्थियों के साथ-साथ भूगोल के विद्यार्थियों के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध होगी।
यह भारत में भूगोल की पहली पुस्तक है जो पूरी तरह से designed है। इसमें असंख्य चित्रों, कोष्ठकों का सहारा लिया गया है, एक अलग परिशिष्ट रंगीन चित्रों पर दिया गया है। इसके निर्माण में यह विशेष ध्यान दिया गया है कि विद्यार्थी इसे पढ़ने के उपरांत संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा के सारे प्रश्नों का उत्तर आसानी से दे पायेंगे।
विषय-सूची
खगोल विज्ञान
1 ब्रह्मांड
2 तारों का जीवन चक्र
3 सौर मंडल
4 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास
सामान्य भूगोल
1 पृथ्वी पर क्रियाशील मूल सिद्धान्त
2 अक्षांश एवं देशान्तर
3 ऋतुएं
भूआकृति विज्ञान
1 पृथ्वी का इतिहास
2 पृथ्वी के निर्माणक पदार्थ
3 चट्टान
4 पृथ्वी का आंतरिक भाग
5 स्थलमण्डल एवं भूपर्पटी
6 भूगर्भिक हलचलें
7 स्थलरूप
8 स्थलरूप: धरातल के स्वरूप
9 महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त
10 प्लेट विवर्तनिकी
11 ज्वालामुखी
12 भूकम्प
13 सुनामी
14 बर्हिर्जात शक्तियां: अनाच्छादन
15 धरातलीय जल एवं प्रक्रम
16 झीलें
17 भूमिगत जल
18 कार्स्ट स्थलाकृतियां
19 शुष्क स्थलाकृतियां
20 हिमानी स्थलाकृतियां
21 तटीय स्थलाकृति
जलवायु विज्ञान
1 वायुमण्डल
2 वायुमण्डल का संघटन
3 वायुमण्डल की संरचना
4 सूर्यातप
5 तापमान
6 वायुमण्डली दाब
7 वायुमण्डलीय परिसंचरण
8 आर्द्रता
9 वायुमण्डल का स्थिरता एवं अस्थिरता
10 वर्षण
11 वायु राशि
12 द्वितीयक संचरण: चक्रवात
13 द्वितीयक परिसंचरण: प्रति चक्रवात
14 तृतीयक संचरण: स्थानीय पवनें
15 तृतीयक संचरण: नगरीय जलवायु
16 विश्व जलवायविक प्रकार
17 जलवायु परिवर्तन
समुद्र विज्ञान
1 महासागर: एक परिचय
2 महासागर एवं मानव
3 महासागरीय नितल के उच्चावच
4 महासागरीय जल की प्रकृति
5 महासागरीय परिसंचरण
6 एलनिनो एवं दक्षिणी दोलन (ENSO)
7 महासागरीय तरंगें
8 ज्वार-भाटा
9 सागरीय पर्यावरण
10 महासागरीय निक्षेप
11 प्रवाल भित्ति
12 सागर तल परिवर्तन
13 सागरीय विधि (Law of the Sea)
14 सागरीय संसाधन
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