Shop

  • Home

भारत संस्कृति एवं धरोहर – Bharat Sanskriti Avam Dharover – Book

” एक पूरी पुस्तक में ही संपूर्ण समाधान, अध्याय उसका सारांश, उसके प्रश्नोत्तर, और सबसे बेहतर उस अध्याय का video । सभी अध्यायों की ऊपर QR कोड का लिंक जो आपको उसके video पर ले जाएगा अपने ढंग का बिल्कुल अद्वितीय, असाधारण प्रस्तुति

भारत को विरासतों का देश कहते हैं। साथ ही भारतीय संस्कृति का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। भारतीय प्राचीन परंपरा एवं प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विरासत आज भी वर्तमान जीवन से अविच्छिन्न रूप से सम्बद्ध है। लम्बे समय के प्रवाह एवं प्रहार भी हमारे विरासतों एवं संस्कृति को विलुप्त नहीं कर पाया, हां वर्तमान में खण्डित अवशेष के रूप में विरासत तथा वैश्वीकरण का नया प्रभाव हमारी संस्कृति को गम्भीर चुनौतियां अवश्य प्रस्तुत कर रहा है। भारतीय संस्कृति की एक विशेषता उसकी ग्रहणशीलता है। उसमें प्रतिकूल परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाकर अपने में समाहित कर लेने की अद्भुत शक्ति है। विरासतों की सूची में प्राकृतिक विरासतें अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इतिहास और संस्कृति का निर्माण उससे ही होता है। मानव सभ्यता पर उसका प्रभाव अत्यधिक गहरा होता है। प्राकृतिक विरासतों की सूची में पर्वत, नदी, वन, मैदान, समुद्र तथा समुद्र तटवर्ती क्षेत्र शामिल हैं।
, , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,

भारतीय संस्कृति पर उसकी भौगोलिक अवस्थिति का अत्यधिक प्रभाव रहा है। पर्यावरण से ही किसी राष्ट्र का पहनावा, खान-पान, कृषि आदि निर्धारित होते हैं। संक्षेप में किसी राष्ट्र का जन-जीवन पूरी तरह प्राकृतिक कारकों पर निर्भर करता है। पर्यावरण भौगोलिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है। अतः पर्यावरण संरक्षण विरासतों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पर्यावरण में परिवर्तन विरासतों के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है। पुस्तक में इस पहलू पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। अतः जिस समृद्ध विरासत की रक्षा, संस्कृति का सम्यक विकास हम सभी भारतवासियों का परम कर्तव्य है, आज वह हो पा रहा है या नहीं यह प्रश्नचिह्न बन कर रह गया है। जिस ओर भी नजर दौड़ाएं, भारत में प्राचीन विरासत का संरक्षण संतोषजनक नहीं है। सरकार के साथ ही आम-जन भी इसके प्रति जागरूक नहीं हैं। सरकारी एजेंसियां जिन पर भारतीय स्थापत्य के संरक्षण की जिम्मेदारी है, उनका भी प्रयास प्राचीन विरासतों को सुरक्षित एवं सुंदर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे नागरिकों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण बन जाती है। भारतीय विरासत तथा संस्कृति का अध्ययन इसलिए आवश्यक है क्योंकि इससे भारतीय इतिहास के प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल के जनजीवन में निरंतरता तथा सातत्य का परिचय मिल सके। यह इसलिए भी आवश्यक है कि इससे नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति की विशिष्टताओं को समझने में सहायता मिलेगी। भारतीय संस्कृति की विशिष्टताओं की बेहतर जानकारी से युवा अधिक जागरूक नागरिक बनेंगे। इससे उनमें देश की विरासत को संरक्षित करने की भावना को बल मिलेगा। ‘भारतीय विरासत एवं संस्कृति’ के प्रथम संस्करण में विरासत तथा संस्कृति पर उपलब्ध नवीनतम शोधों एवं सामग्रियों को समाहित किया गया है। भारतीय विरासत एवं संस्कृति पर प्रमाणिक पुस्तकों के अभाव को दूर करने की दिशा में यह एक प्रयास है। इस पुस्तक में 22 अध्याय हैं और सभी अपने आप में अनूठे एवं नवीनतम जानकारी से परिपूर्ण हैं। इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय स्थापत्य, चित्रकला, संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के साथ ही आधुनिक युग की विभिन्न उल्लेखनीय विशेषताओं का भी वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में हड़प्पा संस्कृति के स्थापत्य से लेकर आधुनिक स्थापत्य की विभिन्न विशिष्टताओं को समाहित किया गया है। पुस्तक मंे अजंता चित्रकला से लेकर आधुनिक चित्रकला की विभिन्न विशेषताओं का विस्तृत वर्णन है। इसमें भारतीय संस्कृति की अन्य विशेषताओं जैसे नृत्य, गीत, संगीत, लोकगीत, लोकनृत्यों का संपूर्ण विवरण दिया गया है। यह पुस्तक सिविल सेवा के अभ्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होगी। इसके साथ ही स्नातक स्तर के इतिहास के विद्यार्थियों तथा जिज्ञासु जनों के लिए भी पुस्तक में काफी आकर्षक जानकारियां उपलब्ध हैं। सम्पूर्ण भारतीय इतिहास को जानने में यह स्पष्ट होता है कि अनेक विविधताओं के बावजूद भारत भूमि की एकता भारतीय संस्कृति के लिए सबसे बड़ा वरदान सिद्ध हुई है। इसी ने भारतीय संस्कृति को बचाए रखा है। आने वाले नवीन पीढ़ी को इसी विरासत एवं संस्कृति के प्रति प्रेम जाग्रत करने के ध्येय से इस पुस्तक को तथ्य एवं चित्रों का समावेश कर इसे रोचक बनाने का प्रयत्न किया गया ळें

Contents of the Book

1. विरासत: एक परिचय 1 – 12
2. भारतीय विरासत 13 – 24
3. यूनेस्को एवं सांस्कृतिक विरासत 25 – 38
4. संस्कृति: एक परिचय 39 – 41
5. भाषाएं और धर्म 42 – 49
6. सभ्यता 50 – 53
7. भारतीय समाज का विकास 54 – 58
8. सांस्कृतिक विरासत और सांस्कृतिक समायोजन 59 – 64
9. जाति और कबीले 65 – 67
10. भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र 68 – 92
11. भारत के पर्व और त्योहार 93 – 110
12. भारतीय स्थापत्य और मूर्तिकला 111 – 169
13. भारतीय चित्रकला 170 – 230
14. भारतीय शास्त्रीय नृत्य 231 – 240
15. लोक नृत्य 241 – 256
16. भारतीय संगीत 257 – 282
17. भारतीय रंगमंच 283 – 291
18. भारतीय साहित्य 292 – 300
19. सॉफ्ट पॉवर के रूप में भारतीय संस्कृति 301 – 308
20. भारतीय सिनेमा 309 – 318
21. प्रदर्शित/प्रदर्शन कलाएं: मुद्दे एवं विश्लेषण 319 – 333
22. सामान्य मुद्दे 334 – 345
23. परिशिष्ट प्ए प्प्ए प्प्प्ए प्टए टए टप्ए टप्प् 346 – 370

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “भारत संस्कृति एवं धरोहर – Bharat Sanskriti Avam Dharover – Book”

Your email address will not be published. Required fields are marked *