भारतीय संस्कृति पर उसकी भौगोलिक अवस्थिति का अत्यधिक प्रभाव रहा है। पर्यावरण से ही किसी राष्ट्र का पहनावा, खान-पान, कृषि आदि निर्धारित होते हैं। संक्षेप में किसी राष्ट्र का जन-जीवन पूरी तरह प्राकृतिक कारकों पर निर्भर करता है। पर्यावरण भौगोलिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है। अतः पर्यावरण संरक्षण विरासतों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पर्यावरण में परिवर्तन विरासतों के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है। पुस्तक में इस पहलू पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। अतः जिस समृद्ध विरासत की रक्षा, संस्कृति का सम्यक विकास हम सभी भारतवासियों का परम कर्तव्य है, आज वह हो पा रहा है या नहीं यह प्रश्नचिह्न बन कर रह गया है। जिस ओर भी नजर दौड़ाएं, भारत में प्राचीन विरासत का संरक्षण संतोषजनक नहीं है। सरकार के साथ ही आम-जन भी इसके प्रति जागरूक नहीं हैं। सरकारी एजेंसियां जिन पर भारतीय स्थापत्य के संरक्षण की जिम्मेदारी है, उनका भी प्रयास प्राचीन विरासतों को सुरक्षित एवं सुंदर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे नागरिकों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण बन जाती है। भारतीय विरासत तथा संस्कृति का अध्ययन इसलिए आवश्यक है क्योंकि इससे भारतीय इतिहास के प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल के जनजीवन में निरंतरता तथा सातत्य का परिचय मिल सके। यह इसलिए भी आवश्यक है कि इससे नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति की विशिष्टताओं को समझने में सहायता मिलेगी। भारतीय संस्कृति की विशिष्टताओं की बेहतर जानकारी से युवा अधिक जागरूक नागरिक बनेंगे। इससे उनमें देश की विरासत को संरक्षित करने की भावना को बल मिलेगा। ‘भारतीय विरासत एवं संस्कृति’ के प्रथम संस्करण में विरासत तथा संस्कृति पर उपलब्ध नवीनतम शोधों एवं सामग्रियों को समाहित किया गया है। भारतीय विरासत एवं संस्कृति पर प्रमाणिक पुस्तकों के अभाव को दूर करने की दिशा में यह एक प्रयास है। इस पुस्तक में 22 अध्याय हैं और सभी अपने आप में अनूठे एवं नवीनतम जानकारी से परिपूर्ण हैं। इस पुस्तक में प्राचीन भारतीय स्थापत्य, चित्रकला, संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के साथ ही आधुनिक युग की विभिन्न उल्लेखनीय विशेषताओं का भी वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में हड़प्पा संस्कृति के स्थापत्य से लेकर आधुनिक स्थापत्य की विभिन्न विशिष्टताओं को समाहित किया गया है। पुस्तक मंे अजंता चित्रकला से लेकर आधुनिक चित्रकला की विभिन्न विशेषताओं का विस्तृत वर्णन है। इसमें भारतीय संस्कृति की अन्य विशेषताओं जैसे नृत्य, गीत, संगीत, लोकगीत, लोकनृत्यों का संपूर्ण विवरण दिया गया है। यह पुस्तक सिविल सेवा के अभ्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होगी। इसके साथ ही स्नातक स्तर के इतिहास के विद्यार्थियों तथा जिज्ञासु जनों के लिए भी पुस्तक में काफी आकर्षक जानकारियां उपलब्ध हैं। सम्पूर्ण भारतीय इतिहास को जानने में यह स्पष्ट होता है कि अनेक विविधताओं के बावजूद भारत भूमि की एकता भारतीय संस्कृति के लिए सबसे बड़ा वरदान सिद्ध हुई है। इसी ने भारतीय संस्कृति को बचाए रखा है। आने वाले नवीन पीढ़ी को इसी विरासत एवं संस्कृति के प्रति प्रेम जाग्रत करने के ध्येय से इस पुस्तक को तथ्य एवं चित्रों का समावेश कर इसे रोचक बनाने का प्रयत्न किया गया ळें
Contents of the Book
1. विरासत: एक परिचय 1 – 12
2. भारतीय विरासत 13 – 24
3. यूनेस्को एवं सांस्कृतिक विरासत 25 – 38
4. संस्कृति: एक परिचय 39 – 41
5. भाषाएं और धर्म 42 – 49
6. सभ्यता 50 – 53
7. भारतीय समाज का विकास 54 – 58
8. सांस्कृतिक विरासत और सांस्कृतिक समायोजन 59 – 64
9. जाति और कबीले 65 – 67
10. भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र 68 – 92
11. भारत के पर्व और त्योहार 93 – 110
12. भारतीय स्थापत्य और मूर्तिकला 111 – 169
13. भारतीय चित्रकला 170 – 230
14. भारतीय शास्त्रीय नृत्य 231 – 240
15. लोक नृत्य 241 – 256
16. भारतीय संगीत 257 – 282
17. भारतीय रंगमंच 283 – 291
18. भारतीय साहित्य 292 – 300
19. सॉफ्ट पॉवर के रूप में भारतीय संस्कृति 301 – 308
20. भारतीय सिनेमा 309 – 318
21. प्रदर्शित/प्रदर्शन कलाएं: मुद्दे एवं विश्लेषण 319 – 333
22. सामान्य मुद्दे 334 – 345
23. परिशिष्ट प्ए प्प्ए प्प्प्ए प्टए टए टप्ए टप्प् 346 – 370
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