यह पुस्तक अपने आप में एक अनूठी पुस्तक है क्योंकि इसमें शामिल हैं-
- भौगोलिक संकट
- वायुमण्डलीय संकट
- पर्यावरणीय संकट
- दुर्घटना से सम्बंधित संकट
- नाभिकीय संकट
- केन्द्रीय एवं राज्य स्तर पर विभिन्न आपदाओं से निपटने हेतु विद्यायी निकायों के साथ-साथ आपदा प्रबंधन की नीतियां एवं स्कीमें।
- विभिन्न आपदाओं के समय आम नागरिक क्या करें और क्या नहीं करें- इसकी सूचना भी दी गई है जो आपको IAS/PCS के साक्षात्कार में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
विशेषताएं
- प्रत्येक अध्याय की मौलिक संकल्पना सहित शुरुआत।
- हाल के विभिन्न आपदाओं का उल्लेख सहित आपको उनसे क्या शिक्षा मिली – इस पर विशेष बल।
- आपदा प्रबंधन का सामुदायिक परिप्रेक्ष्य सहित उसका प्रशासनिक दृष्टिकोण।
- विभिन्न डायग्रामों एवं सारणियों द्वारा स्पष्टीकरण (जो परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर देते समय अत्यंत सहायक होता है।)
- बहुआयामी स्वरूप में विषयों का परस्पर सम्बंध।
- पूर्णतः नवीनीकृत एवं व्यावहारिक पक्ष।

इस पुस्तक के संदर्भ में ‘आपदा प्रबंधन’ से संबंधित यह भारत में पहली वैज्ञानिक पुस्तक है। इस पुस्तक में सभी प्रकार की आपदा एवं उनके विषय में नवीन सूचनाओं सहित अद्यतन आंकड़ों से सुसज्जित किया गया है ताकि विषय के प्रति पाठकों का संकल्पनात्मक ज्ञान विकसित हो सके। यह पुस्तक सिविल सेवा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए भी उतनी ही उपयोगी है, क्योंकि इसके सारे अध्याय सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। आपदा प्रबंधन विषय की तैयारी करते समय सिविल सेवा अभ्यार्थियों (UPCS) को होने वाली कठिनाईयों एवं समाधान को ध्यान में भी रखा गया है।
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